रोजगार-Employment Chapter 7 || Indian Economy Development in Hindi
अध्याय-7
रोजगार संवृद्धि, अनौपचारीकरण एवं अन्य मुद्दे
- श्रमिक: वह व्यक्ति जो अपनी आजीविका अर्जित करने के लिये किसी आर्थिक क्रिया में लगा है।
- आर्थिक क्रियाएँ: ये क्रियाऐं हैं जिन्हें वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के लिए किया जाता है। और जिससे आय का सृजन होता है।
- श्रम बल: श्रम बल से अभिप्राया श्रमिकों की उस संख्या से है। जो कार्य करने की वैद्यानिक आयु में हो, कार्य करने में योग्य और इच्छुक हो।
- कार्यबल: कार्यबल से अभिप्राय वास्तव में कार्य करने वाले व्यक्तियों की संख्या से है। इसमें इन व्यक्तियों को शामिल नहीं किया जाता जो कार्य करने के इच्छुक तो हैं परंतु बेरोजगार हैं।
- सहभागिता की दर: इसका अर्थ है उत्पादन क्रिया में वास्तव में भाग लेने वाली जनसंख्य का प्रतिशत। यह श्रमिक जनसंख्या अनुपात भी कहलाता है।
सहभागिता की दर :
श्रमिकों के प्रकार
स्वनियोजित | |
भाड़े के मजदूर |
अनियमित | |||
नियमित |
- श्रम आपूर्ति: इससे अभिप्राय विभिन्न मजदूरी दरों के अनुरूप भ्रम की आपूर्ति से है इसे मनुष्य दिनों के रूप में मापा जाता है। एक मनुष्य दिन से अभिप्राय 8 घंटे का काम है।
- श्रम शक्ति (श्रम बल)-ऐसे सभी लोग जो 14 वर्ष से अधिक है, श्रम के योग्य है, श्रम करने को इच्छुक भी है उन्हें श्रम शक्ति कहते हैं। 2011-12 में भारत की कुल श्रम शक्ति= 473 मिलियन इसमें तीन चौथाई ग्रामीण है तथा 70% पुरुष है।
- देश की जनसंख्या के पाँच में से दो व्यक्ति विभिन्न आर्थिक क्रियाओं में लगे हैं। मुख्यतः ग्रामीण पुरूष देश के श्रमबल का सबसे बड़ा वर्ग है।
- भारत में अधिकांश श्रमिक स्वनियोजक है। अनियमित दिहाड़ी मजदूर तथा नियमित वेतनभोगी कर्मचारी मिलकर भी भारत की समस्त श्रमशक्ति के अनुपात के आधे से भी कम रह जाते हैं।
Table -1: रोजगार वितरण 2011-12
श्रमिकों का प्रकार | कुल कार्यबल का प्रतिशत |
स्वनियोजित
दिहाड़ी मजदूर नियमित वेतनभोगी कर्मचारी कुल |
52
30 18 100 |
- भारत में कुल श्रम बल का लगभग पाँच में से तीन श्रमिक कृषि और संबद्ध कार्यों से ही अपनी आजीविका को प्राप्त करता है।
- जनसंख्या की रोजगार में भागीदारी भारत के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में पुरुषों की महिलाओं की अपेक्षा भागीदारी अधिक है क्योंकि-
- पुरुष आसानी से अपना कार्यक्षेत्र परिवर्तित कर लेते हैं।
- महिलाओं को परिवार के लोगों द्वारा कार्य क्षेत्र बदलने के लिए हतोत्साहित किया जाता है इसीलिए वह अपनी उन्नति के बारे में सोच नहीं पाती।
- सभी क्षेत्रों में पुरुषों के लिए रोजगार के अवसर अधिक है।
- शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की श्रम बल के रूप में भागीदारी अधिक है इसके कारण है-
- गरीबी,
- महिलाएं अपने परिवार के साथ खेती करने में अपना योगदान देती है।
- रोजगार रहित संवृद्धि : इससे अभिप्राय उस स्थिति से है जिससे सकल घरेलू उत्पाद की संवृद्धि दर में तो वृद्धि होती है परंतु रोजगार में उसी अनुपात में वृद्धि नहीं होती।
- श्रम बल का अनियमतिकरण: इससे अभिप्राय उस स्थिति से है जिसमें समय के साथ कुल श्रमबल में भाड़े पर लिए गए आकिस्मक श्रमिकों को प्रतिशत में बढ़ने की प्रवृत्ति पाई जाती है।
- श्रमबल का अनौपचारीकरण: इसका अभिप्राय उस स्थिति से है जब लोगों में अर्थव्यवस्था के औपचारिक क्षेत्र के स्थान पर अनौपचारिक क्षेत्र में रोजगार के अवसर अधिक पाने की प्रवृति पाई जाती है।
- बेरोजगारी: बेरोजगारी से अभिप्राय उस स्थिति से है जिसमें योग्य एवं इच्छित व्यक्ति को प्रचलित मजदूरी पर कार्य नहीं मिलता है।
- बेरोजगारी के कारण :-
- धीमी आर्थिक विकास दर
- जनसंख्या में तीव्र वृद्धि
- दोषपूर्ण शिक्षा प्रणाली
- अल्प विकसित कृषि क्षेत्र
- धीमा औद्योगिक क्षेत्र का विकास
- लघु एंव कुटीर उद्योगों का अभाव अपर्यापता
- दोषपूर्ण रोजगार नियोजन
- धीमी पूँजी निर्माण दर
- बेरोजगारी की समस्या को हल करने के उपाय:-
- सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि
- जनसंख्य वृद्धि पर नियंत्रण
- कृषि क्षेत्र का विकास
- लघु व कुटीर उद्योगों का विकास
- आधारिक संरचना में सुधार
- विशेष रोजगार कार्यक्रम
- तीव्र औद्योगीकरण
- गरीबी व बेरोजगारी उन्मूलन विशेष कार्यक्रमः-
- महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम। (मनरेगा)
- स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना।
- प्रधानमंत्री रोजगार योजना।
- स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना।
3-4 अंक वाले प्रश्न
- भारत के कार्यबल के विभिन्न क्षेत्रों में वितरण के प्रारूप का अन्वेषण कीजिए?
- श्रमबल और कार्यबल के बीच अंतर स्पष्ट करो?
- बेरोजगारी के दोषपूर्ण प्रभाव बताइए?
- बेरोजगारी को नियंत्रित करने के कुछ सामान्य उपाय बताओ?
- महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम पर टिप्पणी लिखो?
- महिलाओं का सशक्तिकरण उनके रोजगार से संबंधित है। टिप्पणी लिखों
6 अंक वाले प्रश्न
- बेरोजगारी के विभिन्न प्रकार कौन से हैं?
- बेरोजगारी के प्रमुख कारणों की व्याख्या कीजिए?
- अम के पेशेवर ढाँचे की व्याख्या कीजिए?
- संगठित क्षेत्र क्या है? संगठित क्षेत्र में रोजगार के कम होने के कारण लिखिए?